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अरावली पर्वतमाला में बहता ‘भील बेरी झरना’ राजस्थान का सबसे ऊंचा झरना है। भील बेरी इको-डेस्टिनेशन एक जलप्रपात स्थल है जो घने जंगल से घिरा है, यह राजसमंद और पाली जिलों की सीमा पर स्थित है और टॉडगढ़ रौली वन्यजीव अभयारण्य का एक हिस्सा है।
पाली के मारवाड़ जंक्शन में टॉडगढ़ रावली अभयारण्य के वन क्षेत्र जोजावर रेंज में स्थित भील बेरी झरना राजस्थान की गर्मी के बीच लोगों को ठण्डा-ठण्डा, कूल-कूल अहसास कराता है। काली घाटी की पहाड़ियों में 182 फीट की ऊंचाई से गिरता यह झरना सावन और भाद्रपद माह में पर्यटन का प्रमुख केन्द्र बन जाता है। राजस्थान की प्राकृतिक बादियों में स्थित भीलबेरी वाटरफाल्स चेन्नई एक्सप्रेस के दूध सागर जैसा लगता हैं। भील बेरी को राजस्थान का मेघालय कहा जाता है।
राजस्थान में भील बेरी एक सुन्दर टूरिस्ट प्लेस है, जहां पर हर कोई आना पसंद करेगा। यहां आने के लिए मारवाड़ और करमाल के रस्ते आना होता है।
कब जायें
अगर आप बरसात के समय भीलबेरी जाएं तो इस जगह की खूबसूरती का जमकर आनंद ले सकते है। इसके लिए अगस्त और अक्टूबर के बीच का समय बेहतर रहेगा।
ऐसे पहुंचें भील बेरी #waterfalls
वायु मार्ग : उदयपुर का महाराणा प्रताप एयरपोर्ट यहां से करीब 142 किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग : निकटतम बड़ा रेल हेड मारवाड़ जंक्शन यहां से करीब 48 किलोमीटर पड़ता है। कोलकाता, जम्मू, अहमदाबाद, जयपुर, बीकानेर, मुम्बई आदि से मारवाड़ जंक्शन के लिए ट्रेन मिलती हैं।
सड़क मार्ग : यहां से करमाल करीब 12 किलोमीटर, राजसमन्द 71 और उदयपुर करीब 130 किलोमीटर दूर है।