#HighestMountains_of_India: भारत के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर

#Kanchenjunga, #Nanda
  • TrvaelDesk@YatraPartner

“मेरे नगपति! मेरे विशाल! साकार, दिव्य, गौरव विराट्,
पौरुष के पुन्जीभूत ज्वाल! मेरी जननी के हिम-किरीट!
मेरे भारत के दिव्य भाल! मेरे नगपति! मेरे विशाल!”

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह “दिनकर” की यह कविता पर्वतराज हिमालय का प्रशस्तिगान होने के साथ ही भारत के लिए इसकी महत्ता का गान भी है। दुनिया की इस सबसे विशाल हिमाच्छादित पर्वत श्रृंखला में ही स्थित हैं विश्व और भारत के सबसे ऊंचे शिखर। समग्रता में देखा जाये तो माउंट के2 (गॉडविन ऑस्टिन) भारत का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में है। काराकोरम पर्वत श्रृंखला की बाल्तोरो मुज़ताग़ उपश्रृंखला में स्थित 8,611 मीटर (28,251 फ़ीट) ऊंची यह चोटी माउन्ट एवरेस्ट ( 8,848.86 मीटर ) के बाद पृथ्वी की दूसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। हालांकि भारत प्रशासित क्षेत्र में सबसे ऊंचा शिखऱ कंचनजंघा(#Kanchenjunga) है। (Highest_peak_of_india)

कंचनजंगघा :

कंचनजंघा

भारत के पास वर्तमान में जितनी भूमि है उसके हिसाब से बात करें तो कंचनजंघा देश का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है। दार्जिलिंग से 74 किलोमीटर उत्तर-पश्चिमोत्तर में स्थित दुनिया के इस तीसरे सबसे ऊंचे हिमशिखर की ऊंचाई 8,586 मीटर (28,169 फीट) है। यह भारत के सिक्किम राज्य में है। सिक्किम और नेपाल की सीमा पर स्थित कंचनजंघा (Kanchenjunga) पर्वत शिखर ही भारत और नेपाल का विभाजन कराता है। पहले इसको ही दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर माना जाता था लेकिन द ग्रेट ट्रिगोनोमैट्रिकल सर्वे ऑफ इंडिया से यह बात सामने आयी कि माउंट एवरेस्ट विश्व का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है। वर्ष 1856 में विधिवत यह घोषणा कर दी गयी कि कंचनजंघा (#Kanchenjunga) विश्व का तीसरा सबसे ऊंचा शिखर है।

नन्दादेवी :

नन्दा देवी

उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित नन्दादेवी (Nanda Devi) भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। इसकी ऊंचाई 7,817 मीटर (25,646 फीट) है। वर्ष 1975 तक नन्दादेवी ही भारत का सबसे ऊंचा शिखर था लेकिन सिक्किम का भारत में विलय हो जाने के बाद यह ओहदा कंचनजंघा को मिल गया। दुनिया की इस 23वीं सबसे ऊंची चोटी का उत्तराखण्ड के लिए धार्मिक महत्व भी है। इस पर्वतीय राज्य में इसे मुख्य देवी के रूप में पूजा जाता है।

कामेत:

कामेत

कामेत उत्तराखण्ड का दूसरा जबकि भारत का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है। चमोली जिले में स्थित विश्व की इस 29वीं सबसे ऊंची  चोटी की ऊंचाई 7,756 मीटर (25,446) है। कामेत (Kamet) शिखर का नाम तिब्बती भाषा के कांग्मेद” शब्द के आधार पर रखा गया है। देखने में यह एक विशाल पिरामिड जैसा है जिसके चपटे शिखर पर दो चोटियां हैं।

साल्तोरो कांगरी :

साल्तोरो कांगरी

साल्तोरो कांगरी भारत का चौथा सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है। इसे के10 के नाम से भी जाना जाता है। लद्दख में सियाचिन के पास स्थित इस चोटी की ऊंचाई 7,742 मीटर (25,400 फीट) है। यह काराकोरम पर्वत श्रृंखला का ही एक हिस्सा है और बहुत ही रिमोट स्थान पर स्थित है। इसलिए यहां तक जाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है। यह विश्व का 31वां सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है।

ससेर कांगरी 1 : यह भारत का पांचवां और विश्व का 35वां सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है। लद्दाख में स्थित इस चोटी की ऊंचाई 7,672 मीटर (25,171 मीटर) है। लद्दाख़ी भाषा में ससेर का अर्थ होता है पीला जबकि लद्दाख़ी और बलती भाषाओं में कांगरी का अर्थ बर्फ़ीला पर्वत होता है। इस तरह ससेर कांगरी का अर्थ हुआ- पीली बर्फ वाला पर्वत।

ममोस्तोंग कांगरी :

ममोस्तोंग कांगरी

यह भारत का छठा और दुनिया 48वां सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है। काराकोरम पर्वतमाला की रिमो मुज़ताग़ उपश्रेणी में सियाचिन हिमानी से 30 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व में स्थित इस शिखर की ऊंचाई 7,516 मीटर (24,659 फीट) है। इस पर्वत शिखर को अत्यंत दुर्गम माना जाता है। इस पर प्रथम आरोहण 13 सितंबर 1984 को किया गया था।

सासेर कांगड़ी 2 पूर्व : लद्दाख में काराकोरम पर्वत श्रृंखला में स्थित सासेर कांगड़ी 2 भारत का सातवां सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है। इसकी ऊंचाई 7,513 मीटर है। यह विश्व की 49वीं सबसे ऊंची चोटी है।

 ससेर कांगरी 3 : यह भारत की 8वीं और दुनिया की 51वीं सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। काराकोरम पर्वत श्रृंखला में स्थित इस शिखर की ऊंचाई 7,495 मीटर है।

तेरम कांगरी 1 : सियाचिन में काराकोरम पर्वत श्रृंखला में स्थित इस चोटी की कुल ऊंचाई 7,462 मीटर है। यह भारत का 9वां और दुनिया का 56वां सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है

मुकुट

इनके अलावा भी हिमालय में कई और गगनचुम्बी चोटियां हैं। इनमें जोंगसोंग (7,462 मीटर), के12 (7,628 मीटर), काब्रु एन (7,412 मीटर), घेंट कांगरी (7,401 मीटर), रिमो 1 (7,385 मीटर), तेरम कांगरी 3 (7,382 मीटर), कीरात चुली (7,362 मीटर), मना (7,272 मीटर), अप्सरास कांगरी (7,245 मीटर), मुकुट (7,242 मीटर), रिमो 1 (7,233 मीटर), सिंघी कांगरी (7,202 मीटर), हरदेओल (7,161 मीटर), चौखम्बा 1/बदरीनाथ (7,138 मीटर), नून-कुन (7,135 मीटर) और पाउहुनरी (7,128 मीटर) शामिल हैं।

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