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साहिबगंज जिला मुख्यालय से करीब एक घण्टे का सफर कर हम उधवा पहुंचे तो उदित होते सूर्य की लालिमा आसमान में फैल चुकी थी। हजारों पक्षी झीलों और उनके आसपास उड़ान भर रहे थे तो साइबेरिया से आये प्रवासी पाहुने पानी के विस्तार में भोजन तलाश रहे थे। कभी कबूतर की गुटर-गूं सुनायी देती और जब तक हम उस आवाज की दिशा में गर्दन घुमाते एकाएक गौरैया चहचहाने लगतीं। उधवा पक्षी आश्रयणी (विहार) के कैनवास पर हर पल एक नया दृश्य सृजित हो रहा था।
अविभाजित बिहार में 1991 में दो झीलों को मिलाकर उधवा पक्षी आश्रयणी (Udhwa Bird Sanctuary) की स्थापना की गयी थी। इसका क्षेत्रफल 565 हेक्टेयर है। इसमें पतौड़ा झील का 155 और बरहेल या ब्रह्म जमालपुर झील का 410 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है। इनमें गंगा नदी से नाले के माध्यम से पानी आता है। साल के नौ महीने इन झीलों में लबालब पानी रहता है जबकि अप्रैल से जून के बीच कई बार काफी कम पानी रह जाता है। यहां पूरे साल देसी एवं प्रवासी पक्षियों को उड़ान भरते, तैरते और कलरव करते देखा जा सकता है पर सर्दी के मौसम में इनकी संख्या काफी बढ़ जाती हैं। झारखण्ड के उधवा पक्षी विहार (Udhwa Bird Sanctuary) में 80 से अधिक देसी-विदेशी प्रजातियों के पक्षियों का बसेरा है।
ऐसे पहुंचें उधवा पक्षी आश्रयणी (How to reach Udhwa Bird Sanctuary)
साहिबगंज जिला मुख्यलय से इस अभयारण्य तक बमुश्किल एक से सवा घण्टे में पहुंचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन बड़हरवा जंक्शन यहां से करीब दो किलोमीटर पड़ता है। साहिबगंज जंक्शन, रांची, हावड़ा, सियालदह, वाराणसी, दिल्ली, भागलपुर, पटना आदि से यहां के लिए ट्रेन मिलती हैं। पटना का जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट यहां से करीब 331 किलोमीटर जबकि रांची का बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट 446 किलोमीटर पड़ता है।
झारखण्ड के पक्षी विहार
तिलैया पक्षी विहार (कोडरमा)
तेनुघाट पक्षी विहार (बोकारो)
चन्द्रपुरा पक्षी विहार (बोकारो)
ईटागढ़ पक्षी विहार (सरायकेला-खरसांवा)
उधवा पक्षी विहार (साहिबगंज)