भारत के प्रमुख औद्योगिक घराने बिड़ला समूह के सदस्यों ने देश में कई मंदिर बनवाए हैं तो कई का पुनर्निर्माण भी कराया है। बिड़ला मंदिर के नाम से प्रसिद्ध नई दिल्ली में स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर भी इनमें शामिल है। यह मंदिर मूल रूप मे 1622 में वीर सिंह देव ने बनवाया था। 1793 में पृथ्वी सिंह ने इसका जीर्णोद्धार कराया। सन् 1938 में बलदेव दास बिड़ला (बीडी बिड़ला) ने इसका पुनरोद्धार और विस्तार कार्य शुरू कराया और 1939 में यह अपने वर्तमान स्वरूप में श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया था।
वास्तुकला की नागर शैली में बना यह विशाल और भव्य मंदिर कनॉट प्लेस की पश्चिम दिशा में गोल मार्केट के पास मंदिर मार्ग पर स्थित है। लगभग 7.5 एकड़ में फैले इस मंदिर का बाहरी हिस्सा सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बना है। मंदिर में तीन ओर दोमंजिला बरामदे जबकि पृष्ठ भाग में बगीचे और फव्वारे हैं। मुख्य गर्भगृह का सबसे विशाल शिखर 160 फुट ऊंचा है।
मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्री लक्ष्मीनारायण के साथ मां भगवती एवं श्री गौरी-शंकर भी विराजमान हैं। मुख्य प्रार्थना स्थल के सामने श्री गणेश, गीता स्तंभ और श्री बजरंगबली उपस्थित हैं। गीता भवन के विशाल सभागार को पार करते ही भगवान श्री योगेश्वर एवं श्रीराम परिवार के दर्शन किए जा सकते हैं। गीता भवन का सबसे बड़ा आकर्षण प्रतिबिम्ब में शोभायमान अनंत रूप मुरली मनोहर श्रीकृष्ण के असंख्य प्रतिरूप हैं।