#EagleNestSanctuary: पूर्वोत्तर भारत में पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग ईगल नेस्ट वन्यजीव अभयारण्य

#यात्रापार्टनर, #Yatrapartner, #EagleNestSanctuary, #Eagle_Sanctuary, #WildlifeSanctuary, #ईगल_नेस्ट_अभयारण्य, #वन्यजीव_अभयारण्य,#रेड_ईगल_डिवीजन,

@Yatrapartnernetwork.

पूर्वोत्तर भारत की दुर्गम हरीभरी पहाड़ियों में कलरव करते दुर्लभ पक्षी और जीवन-रेखा की तरह बहती कामेंग नदी। यह ईगल नेस्ट वन्यजीव अभयारण्य (Eagle Nest Wildlife Sanctuary) है जिसे “पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग” कहा जाता है। सेसा आर्किड अभयारण्य के साथ स्थित यह अभयारण्य अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जि़ले में हिमालय की तलहटी में एक संरक्षित क्षेत्र है। ईगल नेस्ट नाम भारतीय सेना की रेड ईगल डिवीजन (Red Eagle Division) से लिया गया है जिसे 1950 के दशक में इस क्षेत्र में तैनात किया गया था। वर्ष 1989 में अधिसूचित इस अभयारण्य तक एक कच्ची सड़क जाती है जो इस पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी तक पहुंचाती है। इसके कारण सेना, वैज्ञानिकों और पर्यावरण प्रमियों के लिए यहां तक पहुंचना आसान हो जाता है। (Eagle Nest Wildlife Sanctuary: A paradise for bird lovers)

परिन्दों और तितलियों का विशाल संसार

ईगल नेस्ट अभयारण्य

इस अभयारण्य में अब तक पक्षियों की 454 प्रजातियां पहचानी जा चुकी हैं। इनमें प्रमुख हैं- जलकाग, काला सारस, ओरिएण्टल व्हाइट आइबिस, बतख, हॉक, नाईजार्स, गिद्ध, नीलपरी, लार्क, फ्लाईकैचर, किंगफिशर, बब्बलर, कठफोड़वा, वारब्लर आदि। लुप्तप्राय प्रजाति का बुगुन लियोसिचला पक्षी केवल इसी वन्यजीव अभयारण्य में ही दिखता है। इस प्रजाति को यह नाम स्थानीय बुगुन जनजाति के नाम पर दिया गया है। यहां आज तक एक भी चील नहीं देखी गयी है। इसके अलावा यहां स्तनधारियों की 15 प्रजातियां हैं जैसे- छाया लंगूर, बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, लाल पांडा, एशियाई काला भालू, झूठा भेड़िया आदि। यहां उभयचरों की 34, सांप की 24 और छिपकलियों की सात प्रजातिया मिलती हैं। यह अभयारण्य व्हाइट आउल, भूटान ग्लोरी और ग्रे एडमिरल समेत तितलियों की 165 प्रजातियों का घर है। यहां पतंगों की कई अन्य प्रजातियां भी मिलती हैं।

राष्ट्रीय उद्यान : भारत में वन्यजीवों के अपने घर

बुगुन जनजाति

वर्ष 2017 में बुगुन जनजाति ने अपनी सामुदायिक भूमि के 17 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को सिनचुंग विलेज कम्युनिटी रिजर्व के रूप में घोषित किया था। यह ईगल नेस्ट वन्यजीव अभयारण्य के मुख्य क्षेत्र के लिए बफर के रूप में कार्य करता है। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण ने वन संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों के लिए यहां के ग्रामीणों को वर्ष 2018 में वन्य प्रजातियों के संरक्षण श्रेणी में भारतीय जैव विविधता पुरस्कार प्रदान किया था।

#SomeshwarSanctuary: सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में महादेव का जंगल सोमेश्वर वन्यजीव अभयारण्य

ऐसे पहुंचें #EagleNestSanctuary

वायु मार्ग : निकटतम हवाईअड्डा तेजपुर एयरपोर्ट यहां से करीब 101 किलोमीटर जबकि गुवाहाटी एयरपोर्ट 232 किमी पड़ता है। ये दोनों हवाईअड्डे असम में है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर का डोनी पोलो ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट यहां से करीब 232 किमी दूर है।

रेल मार्ग : निकटतम रेलवे स्टेशन तेजपुर यहां से करीब 108 किमी दूर है। ईटानगर का नाहरलगुन रेलवे स्टेशन यहां से करीब 240 किमी पड़ता है।

सड़क मार्ग : पश्चिमी कामेंग जिले के मुख्यालय बोमडिला के लिए अरुणाचल प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *