रामायण और महाभारत की कहानियां हम बचपन से पढ़ते, सुनते और टीवी पर देखते आ रहे हैं। अयोध्या में राम का जन्म हुआ था और मथुरा में कृष्ण का। इन जगहों के नाम आज भी वही हैं। हालांकि कई जगहों के नाम अब बदल गए हैं। कई लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि ये कहानियां असली हैं या काल्पनिक। यह तो लंबी बहस और रिसर्च का विषय है। इन महाकाव्यों में जिन जगहों का जिक्र किया है वहां की यात्रा करना काफी रोमांचक हो सकता है। मिथिला, दंडकारण्य, पंचवटी, किष्किंधा को अब किन नामों से जानते हैं, हममें से कई लोग नहीं जानते। यहां ये सब जान सकते हैं और अपनी ट्रिप भी प्लान कर सकते हैं।
अयोध्या
शुरुआत करते हैं अयोध्या से। अयोध्या, राम की जन्मभूमि है। माना जाता है कि अयोध्या के रामकोट इलाके में राम का जन्म हुआ था। राम नवमी के समय यहां श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है।
मिथिला
राजा जनक मिथिला के राजा थे। सीताजी का मायका मिथला था। अब इस जगह का कुछ हिस्सा जनकपुर नेपाल में है और कुछ हिस्सा बिहार में। राम सीता के साथ शादी करके उन्हें अयोध्या लेकर गए थे।
प्रयाग
प्रयाग को अब इलाहाबाद के नाम से जानते हैं। वनवास बाद राम, सीता और लक्ष्मण का पहला ठहराव यहीं था। यहां से तीनों चित्रकूट पहुंचे थे। इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में है। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती तीन नदियां मिलती हैं जिसे संगम का नाम दिया गया है। हिंदुओं के लिए यह बड़ा आस्था का केंद्र है।
चित्रकूट
रामायण की कथा में चित्रकूट का काफी महत्व है। यह मध्य प्रदेश में है। माना जाता है कि चित्रकूट में राम ने वनवास के 14 में से 12 साल बिताए थे। चित्रकूट में ही भरत राम को घर वापस लौटने के लिए मनाने पहुंचे थे। यहां भरत मिलाप हुआ था। चित्रकूट में घूमने के लिए काफी कुछ है। यह धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की खूबसूरत जगह है।
दंडकारण्य
बताया जाता है कि चित्रकूट से राम, लक्ष्मण और सीता दंडकारण्य पहुंचे थे। यह जगह छत्तीसगढ़ के बस्तर में है। बस्तर के जंगलों में तीनों रहे। यहीं लक्ष्मण ने सूपणखा की नाक काटी थी। दंडकारण्य में मध्यप्रदेश के बालघाट और महाराष्ट्र के कुछ जिले आते हैं।
पंचवटी
दंडकारण्य से आगे बढ़कर राम, लक्ष्मण और सीता पंचवटी में रुके थे। इसी जगह पर सीता का हरण हुआ था। यह जगह अब महाराष्ट्र में नाशिक के नाम से जानी जाती है। जिस कुंड में राम और सीता नहाते थे वह आज भी वहां राम कुंड के नाम से है।
किष्किंधा
किष्किंधा वही जगह है जहां राम और उनके भक्त हनुमान की मुलाकात हुई थी। यह बाली और सुग्रीव का राज्य था। इस समय यह इलाका कर्नाटक के कोपल जिले में हम्पी के पास है।