रातोंरात भूतों ने बनाया ये मंदिर, लिखकर एक चिट दे जाइए और मनोकामना पूरी!

रातोंरात भूतों ने बनाया ये मंदिर, लिखकर एक चिट दे जाइए और मनोकामना पूरी!

Yatra Partner Desk: दुनिया में घूमने फिरने के लिए कई बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस हैं जिनकी जानकारी आसानी से इंटरनेट पर मिल सकती है लेकिन आज भी हमारे देश में ही कई ऐसी जगह हैं जो अपने आप में इतिहास संजोकर रखे हुए हैं लेकिन उनके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है। खासकर आध्यात्मिक टूरिज्म के मामले में देश में अपार संभावनाएं हैं। लोग ऐसे स्थानों पर जाना चाहते हैं लेकिन असल में इन जगहों को असली पहचान नहीं मिल पाने के कारण लोगों की पहुंच से दूर हैं। ऐसी ही एक जगह है आगरा में, जहां रोमांच और आध्यात्म का अनुभव हो सकता है। यहां भूतों द्वारा बनाए गए मंदिर की जानकारी अत्यंत ही दिलचस्प है। 

रातोंरात भूतों ने बनाया मंदिर!

आगरा (Agra) को लोग ताजमहल (Taj Mahal) के लिए जानते हैं लेकिन इसके अलावा भी यहां बहुत कुछ है। ऐसी ही एक जगह है बटेश्वर (Bateshwar), जहां यमुना के किनारे 101 मंदिरों की श्रंखला है। इस स्थान का छोटी काशी भी कहा जाता है। बटेश्वर के पास एक भूतों द्वारा बनाए गए मंदिर का इतिहास अपने आप में दिलचस्प है। आगरा की तहसील बाह से बटेश्वर की तरफ जाने वाले रास्ते पर गांव खेड़ा देवीदास पड़ता है। यहां एक मंदिर है जिसे ‘भूतेश्वर महादेव मंदिर’ के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। यहां दिन-रात अखंड ज्योति जलती है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर को रांतोरात भूतों ने बनाकर तैयार किया था। यानि रात तक जिस जगह पर कुछ नहीं था सुबह तक वहां मंदिर बनकर तैयार हो गया। इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है।

आज तक कोई बाहों में नहीं भर पाया शिविलंग को

मंदिर करीब 700 साल पुराना बताया जाता है। मान्यता है कि भूतेश्वर नाम क्षेत्रीय लोगों ने इसलिए दिया कि जब सुबह ग्रामीण जागे तो सड़क से कुछ दूरी पर खेत में विशाल मंदिर बना देखा। उसमें शिवलिंग और नंदी महाराज विराजमान मिले। ग्रामीणों का दावा है कि यह भूतों द्वारा रात में बनाया गया है। इसी वजह से इसका नाम भूतेश्वर पड़ा। मंदिर में स्थापित शिवलिंग को अगर कोई बाहों में समेटना चाहे तो दोनों हाथ कभी नहीं मिल पाते। शिवलिंग के सामने नंदी महाराज विराजमान हैं।

यह भी पढ़ें: कोणार्क सूर्य मंदिरः यहां पत्थर बोलते हैं

हथियार लेकर प्रवेश किया तो…

यह मंदिर पांच मंजिला है। मंदिर के हर भाग में मूर्ति स्थापित करने की जगह थी। क्षेत्रीय लोगों का कहना है मंदिर निर्माण होते-होते सुबह हो गई, इस वजह से सभी मूर्तियों की स्थापना नहीं हो सकी। मान्यता है कि यदि मंदिर के अंदर कोई हथियार लेकर प्रवेश करता है तो हथियार छूटकर गिर पड़ता है या व्यक्ति स्वयं ही जमीन पर फिसलकर गिर पड़ता है। यहां पर मनौती के लिए लिखित अर्जी लगानी पड़ती है। यानी अपनी मनोकामना कागज पर लिखकर मंदिर में नियत स्थान पर रख दीजिए और आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है।

पर्यटन स्थल के तौर पर है पहचान

इस इलाके की पहचान आध्यात्मिक टूरिज्म के अलावा हेरिटेज व ईको टूरिज्म के लिए भी है। चूंकि यह चंबल और यमुना से घिरा हुआ है इसलिए यहां की चंबल सफारी पर्यटकों को लुभाती है। इलाके में कई पुराने किले भी हैं जिनका इतिहास राजा-महाराजाओं के अलावा दस्यु यानी बागियों से भी जुड़ा है। ये किले अब हेरिटेज के तौर पर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहां विकसित चंबल सफारी को देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं। दूर-दूर से सैलानी चंबल पर घड़ियाल देखने और कैमल सफारी के लिए आते हैं।

साभार Zee News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *