@yatrapatner:दीवाना बना देने वाले समुद्र तट, गोधूलि बेला में शान्त समन्दर में डूबता सूरज, वाटर स्पोर्ट्स के लिए आला दर्जे के इन्तजाम, किले और दूर-दूर तक फैले नारियल एवं सुपारी के बगीचे। ऐसा लगता है मानो गोवा पहुंच गये हों। जी नहीं, यह गोवा नहीं अलीबाग (Alibaug) है जिसे “महाराष्ट्र का गोवा” और “मिनी गोवा” भी कहा जाता है। यह कोंकण क्षेत्र में महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर अरब सागर के किनारे बसा हुआ एक छोटा-सा शहर है जो रायगढ़ जिले में आता है। (Alibaug: “Mini Goa” of Maharashtra in Konkan region)
अलीबाग (Alibaug) का अर्थ है “अली का बाग”। इतिहास के जानकार बताते हैं कि अलीबाग को यहूदियों द्वारा बसाया गया था। कहा जाता है कि अली नाम के एक यहूदी के यहां नारियल और आम के कई बगीचे थे। इस कारण स्थानीय लोगों ने इस स्थान को अलीची बैग या अलीबाग कहना शुरू कर दिया। छत्रपति शिवाजी महाराज ने यहां कई निर्माण और विकास कार्य करवाये। वर्ष 1852 में इसे तालुका घोषित किया गया।
अलीबाग (Alibaug) करीब-करीब तीन तरफ से समुद्र से घिरा है। इस कारण यहां कई सुन्दर और अनछुए-से लगने वाले समुद्र तट हैं। नारियल और सुपारी के पेड़ों की बहुतायत के कारण यह इलाका किसी उष्णकटिबन्धीय समुद्र तट जैसा लगता है। यहां का तापमान न बहुत ज्यादा होता है और न बहुत कम। अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस कारण यहां का मौसम बहुत सुहावना होता है और हवा प्रदूषणरहित और ताजी है। अक्टूबर से मार्च के बीच का समय यहां आने के लिए सबसे अच्छा है।
हाल के वर्षों में खण्डाला के साथ ही अलीबाग भी मुम्बई के पैसे वाले लोगों के लिए छुट्टियां बिताने का मनपसन्द ठिकाना बनकर उभरा है। मुम्बई के तमाम नवधनाढ्यों और सिने कलाकारों के यहां फार्म हाउस, विला और अपार्टमेंट हैं।
अलीबाग और आसपास के प्रमुख आकर्षण केन्द्र
अलीबाग बीच : यह यहां का सबसे लोकप्रिय समुद्र तट है। यदि आपको समन्दर पसंद है तो मान लीजिये कि अलीबाग बीच आपके लिए ही बना है। यहां से कोलाबा किले का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। यहां वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज जैसे कयाकिंग, जेट स्की, स्कूबा डाइविंग की भी सुविधा है। यहां के सूर्यास्त को देखना एक कभी न भूलने वाला अनुभव है। यहां की रेत पर बैठकर वड़ा पाव खाने और नारियल पानी पीने का एक अलग ही मजा है। यहां आप 400 साल पुराने गणेश मन्दिर में दर्शन-पूजन भी कर सकते हैं।
नागांव बीच :
अलीबाग से नौ किमी दूर स्थित यह समुद्र तट सुरू, नारियल और सुपारी के पेड़ों से घिरा है और अपने मनोरम दृश्यों, सुनहरी रेत और वाटर स्पोर्ट्स के लिए प्रसिद्ध है। करीब तीन किमी लम्बे इस समुद्र तट पर घूमते हुए आप सूर्यास्त का सुन्दर दृश्य देख सकते हैं।
किहिम बीच : यह शान्त समुद्र तट स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी एक पिकनिक स्थल है। इस स्थान को फोटोग्राफी के लिए उत्तम माना जाता है जहां से समुद्र के दूर तक के दृश्यों को कैमरे में कैद किया जा सकता है।
विक्रम विनायक मंदिर : अलीबाग से 20 किमी की दूरी पर स्थित है यह मन्दिर भगवान गणेश को समर्पित है। यहां भगवान सूर्य, देवी दुर्गा, राधा-कृष्ण, और शिव-पार्वती की प्रतिमाएं भी हैं।
हरिहरेश्वर मन्दिर :
अलीबाग के पास स्थित यह खूबसूरत मन्दिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह रायगढ़ के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है जिसका निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था। अपने वास्तुशिल्प और सुहाने मौसम के कारण यह अलीबाग के आसपास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
कोलाबा किला :
अलीबाग बीच से करीब एक से डेढ़ किमी दूर स्थित इस किले का निर्माण करीब तीन सौ साल पहले नौसैनिक अड्डे के रूप में किया गया था। यह मराठा साम्राज्य का मुख्य नौसैन्य ठिकाना भी था। यह चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है। उच्च ज्वार के दौरान नावों द्वारा तथा कम ज्वार के दौरान पैदल ही इस किले तक पहुंच सकता है। किले के दो प्रवेश द्वार हैं जिनमें से एक समुद्र में खुलता है जबकि दूसरा अलीबाग समुद्र तट की ओर है। इस किले से समुद्र के मनोरम दृश्यों का आनन्द ले सकते हैं
मुरुद जंजीरा किला
एक द्वीप पर बना यह किला अलीबाग से 55 किलोमीटर दूर स्थित है। यह भारत के पश्चिमी तट का एकमात्र किला है जो अविजित रहा यानी से कभी भी जीता नहीं जा सका। इसे हासिल करने के अंग्रेजों और पुर्तगालियों के तमाम प्रयास भी असफल रहे। इस किले का प्रमुख आकर्षण यहां रखी तीन तोप हैं जिन्हें कलाल बंगदी, लंडा कासम और चवरी कहा जाता है।
रेवदण्डा किला : अलीबाग से 17 किमी दूर स्थित इस किले के आसपास के समुद्र तट अत्यन्त खूबसूरत हैं। यहां नारियल और सुपारी के बागान के साथ ही समुद्र तटीय वनस्पतियों की दुर्लभ प्रजातियां पायी जाती हैं। यहां एक अजीब-सी प्राकृतिक सुगन्ध फैली रहती है जिसे स्थानीय भाषा में बकुली कहते हैं।
खण्डेरी किला : यह किला थाई बीच से करीब चार किलोमीटर दूर है। इसका निर्माण 1678 में पेशवा राजवंश द्वारा किया गया था।
चुम्बकीय वेधशाला : इस वेधशाला का निर्माण वर्ष 1904 में किया गया था। वर्तमान में भारतीय भू-विज्ञान संस्थान इसका संचालन करता है।
रायगढ़ा बाजार : अलीबाग बीच से एक किमी दूर स्थित इस बाजार में स्थानीय हस्तशुल्प उत्पादों की खरीदारी की जा सकती है।
अलीबाग घूमने का बेहतर समय
अलीबाग घूमने के लिए नवम्बर से मार्च के बीच का समय सबसे अच्छा है क्योंकि इस दौरान जलवायु बहुत सुखद होती है। अगर आप इस खूबसूरत जगह पर जाने के लिए जुलाई से अक्टूबर के बीच के महीनों पर विचार कर रहे हैं तो मनसून की वजह से उमस का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे पहुंचें
वायु मार्ग : निकटतम हवाई अड्डा मुम्बई का छत्रपति शिवाजी महाराज इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां से करीब 108 किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग : निकटतम रेलवे स्टेशन पेन यहां से करीब 29 किमी दूर है। मुम्बई के दादर के अलावा रत्नागिरि, दिवा, सावंतवाड़ी रोड आदि से यहां के लिए ट्रेन सेवा है।
सड़क मार्ग : मुम्बई से अलीबाग के लिए रोजाना सरकारी परिवहन निगम की 35 से 40 बस चलती हैं। पुणे, नासिक, कोल्हापुर, शोलापुर आदि से भी अलीबाग के लिए बस और टैक्सी सेवा है।