श्रीकालाहस्ती मन्दिर:एक महत्वपूर्ण शैव क्षेत्र,यहाँ होती राहुकाल और कालसर्प की पूजा
- Vandna
- August 1, 2024
स्वर्णमुखी नदी के तट पर स्थित श्रीकालाहस्ती मन्दिर दक्षिण भारत का एक महत्वपूर्ण शैव क्षेत्र है। तिरुपति शहर से करीब 35 कि.मी. दूर श्रीकालहस्ती गाँव में स्थित यह मन्दिर दक्षिण भारत में भगवान् शिव के तीर्थस्थलों में स्थित है। श्रीकालाहस्ती का नाम तीन जानवरों से लिया गया है- श्री (मकड़ी), काला (सांप) और हस्ती (हाथी) जो […]
Read Moreश्री वेंकटेश्वर मन्दिर : भगवान बालाजी को समर्पित
- Vandna
- August 1, 2024
@yatrapartnernetwork:यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर के पास सबसे प्राचीन मन्दिरों में से एक है और भगवान बालाजी को समर्पित हैं जिन्हें वेंकटेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। इस मन्दिर का निर्माण कब हुआ इसके मूल तथ्य या दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। कुछ इतिहासकारों का कहना है कि इस मन्दिर का उल्लेख नवीं शताब्दी के इतिहास […]
Read More#रामगिरि :मन्दिर के तालाब के जल में औषधीय गुण
- Vandna
- August 1, 2024
@yatrapartnernetwork: आंध्र प्रदेश के चित्तूर के इस छोटे-से गांव रामगिरि को भैरव क्षेत्र भी कहा जाता है। यहां कुछ प्राचीन मन्दिर हैं। भगवान शिव को समर्पित एक मन्दिर पहाड़ी के आधार पर जबकि भगवान मुरुगा को समर्पित एक अन्य प्रसिद्ध मन्दिर पहाड़ी की चोटी पर है। कहा जाता है कि इस मन्दिर के पास के […]
Read More#मोगिलेश्वर_मन्दिर:भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मन्दिर
- Vandna
- August 1, 2024
@yatrapartnernetwork:चित्तूर (Chittoor) से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित मोगिली गांव में भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मन्दिर है जिसे मोगिलेश्वर मन्दिर कहा जाता है। इसकी दीवारों पर सुन्दर मूर्तियां उकेरी गयी हैं। कहा जाता है कि मन्दिर का तालाब भीषण गर्मी में भी नहीं सूखता है। जनवरी के पहले दिन यहां बड़ी संख्या में […]
Read More#चित्तूर : किलों एवं मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध
- Vandna
- August 1, 2024
@yatrapartnernetwork:चित्तूर (Chittoor) शहर आन्ध्र प्रदेश के सबसे दक्षिणी भाग में पोन्नई नदी के तट पर स्थित है। यहां की संस्कृति, परम्पराओं और खानपान पर आन्ध्र प्रदेश के अलावा तमिलनाडु और कर्नाटक का भी खासा प्रभाव है, हालांकि मुख्य भाषा तेलुगु ही है। यह शहर व इसके आसपास का क्षेत्र अपनी खूबसूरत पहाड़ियों, घाटियों, जल प्रपातों, […]
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