@yatrapartnernetwork:हवाई यात्रा करने का सपना सभी का होता हैं कि बस कम से कम एक बार फ्लाइट में बैठ जाऊं और बादलों से भी ऊपर उड़कर निचे देखूं कि पृथ्वी ऊपर से कैसी दिखती हैं। आजकल कई रूट्स पर फ्लाइट से जाना भी काफी सस्ता हो गया हैं। भारत के “सेवन सिस्टर्स ” वाले एरिया की कुछ जगहों जैसी कि गुवाहाटी ,शिल्लोंग ,ईटानगर आदि में तो कुछ फ्लाइट्स तो 100 रूपये से भी कम में मिल जाती हैं। अगर आप पहली दफा हवाईजहाज में सफर कर रहे हैं तो कैसे करेंगे। कई लोग एयरपोर्ट पर आ कर घबरा जाते हैं कि इतना बड़ा एयरपोर्ट हैं इतने सारे काउंटर्स ,कहा क्या करे,कैसे करे ?
तो आज आपको एक स्टैंडर्ड प्रोसेस बताता हूँ फिर आपको कभी किसी तरह की घबराहट नहीं होगी –
1. सबसे पहले अपने टिकट्स की pdf फाइल मोबाइल में डाउनलोड करके रखे या प्रिंट करके रखे। मुख्य दरवाजे पर आप अपनी आईडी और टिकट्स चेक करवाकर ही एयरपोर्ट में प्रवेश पा सकते हैं।केवल जिनका टिकट्स होता हैं ,उन्ही को ही भारत में एयरपोर्ट में प्रवेश मिलता हैं। थाईलैंड ,मलेशिया ,उज़्बेकिस्तान के एयरपोर्ट्स पर मैंने ऐसा नियम नहीं देखा ,वहां कोई भी एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकता हैं बिना टिकट के भी।
2. लेकिन इस से पहले ध्यान रखिये कि आपको घरेलू फ्लाइट के समय से करीब एक घंटा पहले एयरपोर्ट पहुंचना पड़ता हैं और अंतराष्ट्रीय उड़ान में आपको कम से कम दो घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचना होता हैं।
3. अब एयरपोर्ट में प्रवेश के बाद सबसे पहले आपको लेना होता हैं बोर्डिंग पास। बोर्डिंग पास लेने की प्रोसेस को बोलते हैं “चेक-इन” करना। चेक-इन करने से फ्लाइट कम्पनी को पता चल जाता हैं कि आप एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं और सफर करने को तैयार हैं। एयरपोर्ट में अंदर कई एयरलाइन कम्पनी के आपको बने हुए मिलते हैं। सबसे पहले अपने टिकट्स पर अपनी एयरलाइन कम्पनी चेक करनी हैं कि फ्लाइट इंडिगो हैं ,स्पाइस जेट हैं या कोई और। आपकी जो भी एयरलाइन कम्पनी हो उसके काउंटर पर आप चले जाएँ और अपना टिकट और id कार्ड पेश करे। अपने बेग यहाँ जमा करवा देवे। आप फ्री विंडो सीट के लिए भी यही रिक्वेस्ट कर सकते हैं।सभी प्रक्रिया के बाद आपको बोर्डिंग पास दे दिया जाएगा। जिसपर गेट नंबर,बोर्डिंग टाइम और सीट नंबर लिखा होगा। बोर्डिंग पास पूरी यात्रा के दौरान आपके पास होना चाहिए।
4. बोर्डिंग पास पर लिखे गेट नंबर का मतलब हैं कि उस गेट नंबर पर से आपको आपके विमान में प्रवेश मिलेगा। बोर्डिंग टाइम का मतलब ,विमान में चढ़ने ला समय ,जो सामान्यत: विमान उड़ने के 45 मिनट पहले का समय होता हैं। इन 45 मिनट्स में आप बोर्डिंग कर सकते हैं ,मतलब विमान में चढ़ सकते हैं।अपनी सीट नंबर पर जाकर आप बैठ जाइये ,बस। लेकिन बोर्डिंग गेट तक पहुंचने से पहले भी कुछ प्रोसेस से आपको गुजरना पड़ता हैं ,और अभी आपके सामान का भी तो आपको पता होना चाहिए। तो आगे बढ़ते हैं।
5. बोर्डिंग गेट तक कैसे पहुंचे : आप जितने बड़े एयरपोर्ट्स पर जाएंगे उतने ज्यादा और उतने दूर बोर्डिंग गेट्स आपको मिलेंगे। जैसे हाल फ़िलहाल ही बैंकॉक के एयरपोर्ट पर और मुंबई एयरपोर्ट पर मुझे चेक इन करने के बाद बोर्डिंग गेट तक पहुंचने में खूब समय लगा। याद रहे ,विमान की बोर्डिंग बंद होने से पहले आपको गेट पर पहुंचना पड़ता हैं ,वरना विमान में आपको प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा और आपकी यात्रा रोक दी जायेगी। चेकइन काउंटर के बाद सबसे पहले आपको “सिक्योरिटी चेकिंग ” के लिए पहुंचना होता हैं।
6. मतलब बोर्डिंग पास लेकर आपको सिक्योरिटी जांच के लिए जाना होता हैं और उसके बाद ही आप अपने गेट पर पहुँचते हैं। सेक्युरिटी के दौरान आपको अपनी जेब से हर सामान ,चाहे वो एक रुमाल ही क्यों ना हो ,सभी चीजो को निकाल कर एक ट्रे में रखकर x-रे मशीन में भेजनी होती हैं और खुद को बिना कुछ सामान अपने साथ लिए मेटल डिटेक्टर मशीन से गुजरना होता हैं। ध्यान रहे अगर आपके पास कोई छोटा बेग वगैरह हैं (हैंड लगेज ) तो उसको भी एक अलग ट्रे में खोल कर रखना होता हैं। बेटरी वाले आइटम्स को बेग से बाहर निकाल कर रखना होता हैं।
(टिप: अगर आप कुछ कैमरे ,मोबाइल्स ,पावर बैंक्स ,माइक आदि साथ में हो तो उन सभी बेटरी वाले आइटम्स को एक अलग बेग में एक साथ में रखे और फिर इस बेग को अलग ट्रे में रखकर एक्स रे के लिए भेजे। )
7.बस सिक्योरिटी के बाद आप बोर्डिंग पास पर दिए हुए गेट पर पहुंच जाए। समय हो तो एयरपोर्ट में विंडो शॉपिंग कर लेवे(क्योंकि शॉपिंग महंगी होती हैं )… अगर आपके क्रेडिट/डेबिट कार्ड में फ्री लॉउन्ज की सुविधा हैं तो मात्र एक रुपया कटवा कर लॉउन्ज में पचासों तरह की चीजें अनलिमिटेड खाये -पीये।
8. बोर्डिंग शुरू होते ही वहां zone के हिसाब से यात्रियों को बुला लिया जाता हैं। सामान्यत: कुल 3 जोन होते हैं एक विमान में। आपके बोर्डिंग पास पर अपना जोन नंबर देख लीजिये और आपके जोन की बोर्डिंग का अनाउंसमेंट होते ही अपने बोर्डिंग पास को कर्मचारी से स्कैन करवा कर विमान की तरफ बढ़ जाइये।
9. जब आपकी फ्लाइट गंतव्य स्थल पर उतरे तो उतरने से पहले ही आपके विमान में एक बेल्ट नंबर का अनाउंसमेंट होता हैं। उसी बेल्ट नंबर पर गंतव्य स्थल के एयरपोर्ट पर आपको आपका सामान मिल जाता हैं। बस फिर अपना सामान लीजिये और एयरपोर्ट से बाहर निकल जाइये। यह हो गयी आपकी यात्रा ख़त्म।
अब आपको लगेज के बारे में भी थोड़ा बता देता हूँ।यात्रियों के लगेज को दो भागों में बांटा जाता हैं। –
A .) एक तो वो लगेज जो यात्री विमान में अपने साथ रखना चाहते हैं। यह सामान्यत: 7 किलो तक का एक बेग हो सकता हैं। आपके लेपटॉप ,मोबाइल्स ,पॉवरबैंक सब इसी में ही रखे होने चाहिए। इसे हैंड-लगेज कहते हैं।वैसे अधिकतर समय इसके वजन की जांच नहीं होती हैं ,लेकिन अगर जांच हो गयी और आपके पास ज्यादा वजन निकला तो आपको एक्स्ट्रा वजन का पैसा जमा करवाना पड़ता हैं।
B.) दूसरा होता हैं मुख्य लगेज। इन्हे आप बोर्डिंग पास लेते समय काउंटर पर ही जमा करवा देते हैं। अधिकतर फ्लाइट में सामान्यत: इनका वजन 15 kg तक होता हैं। ज्यादा वजन ले जाने पर एक्स्ट्रा पैसा आपको जमा करवाना पड़ता हैं। यह सामान आपको सीधा उस एयरपोर्ट पर मिलता हैं जिस एयरपोर्ट तक का टिकट आपने लिया हैं।एक और बात ,अब वेब चेक-इन का जमाना हैं ,घर बैठे ही 24 घंटे पहले ही चेक इन हो जाता हैं। कई एयरलाइन्स के लिए वेब-चेकइन अब कंपल्सरी हैं। अगर उस केस में आप वेब चेकइन नहीं करते हैं तो आपको एक्स्ट्रा पैसा जमा करवाना पड़ सकता हैं। मेरे कुछ मित्रों के साथ ऐसा उज़्बेकिस्तान में हुआ था। वेब चेकइन करने से बोर्डिंग पास आपके पास उसी समय ईमेल पर ही आ जाता हैं। फिर आपको एयरपोर्ट में एयरलाइन काउंटर पर जाकर बोर्डिंग पास लेने की जरुरत नहीं हैं। फिर अगर केवल आपको आपका मुख्य लगेज जमा करवाना हो तो ही काउंटर पर ही जाना होता हैं ,वरना आप अपने हेंड लगेज और ईमेल पर आये बोर्डिंग पास को लेकर सीधे सेक्युरिटी जांच के लिए जा सकते हैं।
दूसरी बात ,अगर आप पहली दफा फ्लाइट में जा रहे हैं तो अपने टिकट्स को ध्यान से पढ़े। एयरपोर्ट पर कई टर्मिनल्स होते हैं जो कई बार आपस में कुछ किलोमीटर की दूरी पर भी हो सकते हैं। ध्यान रहे ,आप टिकट पर लिखे हुए टर्मिनल पर ही पहुंचे। जितना लगेज की परमिट आपको टिकट में मिली हैं उतना ही सामान साथ रखे। ज्यादा सामान होने की स्तिथि में ,आप एक्स्ट्रा सामान का पैसा एडवांस्ड में भी ऑनलाइन जमा करवा सकते है। सामान्यत: विंडो सीट मुफ्त में ही मिल जाती हैं अगर आप बोर्डिंग पास लेते समय अनुरोध करे तो।हैंड लगेज में भी वजन का कोई ख़ास इशू नहीं रहता हैं।मैं तो कई दफा ज्यादा वजन लेकर भी सफर कर चूका हूँ ,लेकिन इसमें थोड़ा बहुत स्मार्ट वर्क करना होता हैं।
ये सब बातें मेरी अब तक की देश विदेश की विमान यात्राओं के अनुभव के आधार पर लिखी हैं। कुछ एयरपोर्ट पर थोड़े खुद के अलग नियम कायदे होते हैं,लेकिन बेसिक चीजें यही फॉलो करनी होती हैं जो मैंने ऊपर बताई हैं।
-ऋषभ भरावा