समुद्र की सतह से 625 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खंडाला को घूमने का असली मजा ट्रैकिंग से ही लिया जा सकता है। यही कारण है कि यह पैदल यात्रा (हाइकिंग) करने वाले पर्यटकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है। “ड्यूक्स नोज पॉइंट” और “कार्ला पहाड़ियां” यहां के दो लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थल हैं।
यात्रा पार्टनर नेयवर्क। घास और वृक्षों से ढकी हरीभऱी घाटियां, कल-कल करते जल प्रपात और मनभावन झीलें, कुल मिलाकर ऐसा दृश्य कि नजरें हटने का नाम ही नहीं लेतीं। लगता है प्रकृति ने अपना सारा वैभव इसी स्थान को उपहार में दे दिया हो। यह खंडाला है, सहयाद्रि पर्वत श्रृंखला की शान।
खंडाला भोर घाट के एक छोर पर स्थित है जो कि दक्कन के पहाड़ और कोंकण के मैदान के बीच के सड़क संपर्क पर स्थित एक प्रमुख घाट है। मुंबई और पुणे के बीच की मुख्य कड़ी मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे खंडाला से होकर गुजरता है। मुंबई से पुणे जाते समय खंडाला पहले आता है जबकि पुणे से मुंबई जाते हुए महाराष्ट्र का ही एक अन्य पर्यटन स्थल लोनावला पहले पड़ता है।
समुद्र की सतह से 625 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खंडाला को घूमने का असली मजा ट्रैकिंग से ही लिया जा सकता है। यही कारण है कि यह पैदल यात्रा (हाइकिंग) करने वाले पर्यटकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है। “ड्यूक्स नोज पॉइंट” और “कार्ला पहाड़ियां” यहां के दो लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थल हैं। ।“ड्यूक्स नोज पॉइंट” से खंडाला और भोर घाट के सुंदर नज़ारों का आनंद उठाया जा सकता है। अमृतांजन पॉइंट, रेवुड पार्क और भुशी बांध भी दर्शनीय हैं। खंडाला के पास एक अन्य पर्यटन स्थल “कुने प्रपात” है जो 100 मीटर की ऊँचाई से गिरता है।
खंडाला ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में बनाए गए गुफा मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। ये गुफा मंदिर बौद्ध स्थापत्य कला का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहाँ अतीत में हीनयान संप्रदाय की उस्थिति के प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं। कारला गुफाएं खंडाला के मुख्य आकर्षणों में से एक हैं। ये गुफाएं 15 मीटर लंबी और 15 मीटर चौड़ी हैं।
यहां का लोहागढ़ किला भी प्रसिद्ध है। मजेदार बात यह कि इसे किसी ने अपने साम्राज्य की रक्षा के लिए नहीं बनवाया था, बल्कि इसका निर्माण कैदियों को रखने के लिए किया गया था। चारों ओर से सदाबहार घाटियों और उद्यानों से घिरा हुआ राजामची किला भी पर्यटकों को बहुत लुभाता है।
यूं तो यहां का मौसम कुछ इस तरह का है कि पूरे साल यहां घुमक्कड़ी की जा सकती है पर बारिश के मौसम के बिदा लेने के बाद सर्दी के मौसम में इसका हरियल सौंदर्य उफान पर होता है। आवारा बादल और एकाएक आ धमकने वाला कोहरा हरितिमा की इस चादर को रहस्यलोक जैसा बना देते हैं।
हिंदी फिल्मों में खंडाला
बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म “गुलाम” के गाने “आती क्या खंडाला” का फिल्मांकन यहीं किया गया था। ब़ॉलीवुड की ही एक अन्य फिल्म “छोटी सी बात” का किरदार सोवानिवृत्त कर्नल (अशोक कुमार) खंडाला में रहता है।
ऐसे पहुंचें खंडाला
सड़क मार्गः इस पहाड़ी पर्यटन स्थल तक पहुंचना काफी आसान है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे ने यहां तक पहुंचना बहुत ही आसान कर दिया है। पुणे, लोनावला और मुंबई के दादर से यहां के लिए बसें चलती रहती हैं। पुणे और मुंबई से निजी बस सेवा का विकल्प भी मौजूद है।
रेल मार्गः खंडाला का निकटतम रेलवे स्टेशन लोनावला है जहां के लिए पुणे और मुंबई से नियमित स्थानीय रेल सेवाएं हैं।
हवाई मार्गः मुंबई और पुणे इसके निकटतम एयरपोर्ट हैं।