#Khurpatal: नैनीताल जायें तो खुर्पाताल देखना ना भूलें, लगेगा मानो शून्य में ठहर गयी आसमानी चुनरी

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  • यात्रा पार्टनर नेटवर्क

नैनीताल से दिल्ली बाया कालाढूंगी की यात्रा में करीब 11 किलोमीटर आगे देवदार के जंगलों के बीच एक छोटी सी झील। साफ आसमान के नीच उसका क्रिस्टल क्लियर पानी ‘शून्य में ठहर गयी आसमानी चुनरी’ -सा नजर आ रहा था। मन को विस्मित-सा कर देने वाला यह अद्भुत नजारा है खुर्पाताल का। खुर्पाताल की ओर आपके कदम खुद ही चलने लगते हैं। जीहां! अद्भुत है खुर्पाताल (Khurpatal) जिसका पानी खुद-ब-खुद रंग बदलता है। (Khurpatal: The sky has stopped in the void)

नैनीताल के पास स्थित खुर्पाताल झील

इस झील का नाम खुर्पाताल (Khurpatal) इसलिए पड़ा क्योंकि इसकी आकृति घोड़े के तलवे यानि खुर के जैसी है। सर्दी के मौसम में भी इसका पानी हल्का गर्म रहता है। इस कारण इसे “गर्म पानी की झील” भी कहा जाता है। समुद्र तल से 1635 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील पहाड़ों और देवदार के घने पेड़ों से घिरी हुई है। आसपास बड़ी संख्या में चीड़ के दरख्त भी हैं। इसका पानी कभी लाल, कभी हरा, कभी धानी तो कभी नीला दिखाई देता है। #yatra_partner

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स्थानीय लोगों का मानना है कि इसका बदलता रंग भविष्‍य का संकेत देता है। जैसे हल्‍का लाल रंग किसी विपदा के आने का संकेत है। मार्च में इसका रंग धानी हो जाता जो खुशहाली का प्रतीक है। आसमान में बादल न हों तो यह झील उसी के रंग में रंग जाती है। सूरज के ढलने के साथ जब पेड़ों की परछाईं लम्बी होने लगती हैं तो झील का रंग हरा हो जाता है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके तल में शैवाल (Elgi) की 40 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं। एल्गी जब बीज छोड़ती है तो सूरज की किरणों की वजह से पानी अलग-अलग रंग का नजर आता है। यह झील मछली की कई प्रजातियों को प्राकृतिक आवास भी देती है। 19वीं शताब्दी तक खुर्पाताल अपने लौह औजारों के लिए प्रसिद्ध था पर अब हरी सब्जियों के लिए जाना जाता है। #यात्रा_पार्टनर

खुर्पाताल जाने का अच्छा समय मार्च से जून तक है। बरसात के मौसम में भूस्खलन का खतरा बना रहता है। सर्दी के मौसम में हिमपात और पाला पड़ने पर यहां कड़ाके की सर्दी पड़ती है और तापमान जमाव बिन्दु के पास तक पहुंच जाता है।

ऐसे पहुंचें खुर्पाताल -How to reach #Khurpatal

सड़क मार्ग : नैनीताल से यहां का रास्ता मात्र 12 किमी है। कालाढूंगी से यह करीब 25 और मुरादाबाद से लगभग 103 किमी पड़ता है। कालाढूंगी और नैनीताल से यहां के लिए बस और टैक्सी मिल जाती हैं।

रेल मार्ग : नैनीताल का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम (36 किमी) है। हल्द्वानी और रामनगर रेलवे स्टेशन यहां से क्रमशः 42 किमी और 64 किमी पड़ते हैं।

हवाई मार्ग : पन्तनगर एयरपोर्ट नैनीताल से करीब 70 किमी है।

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