जल महल: पानी के बीचों-बीच फोटोग्राफरों और पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग

Yatra Partner: मानसागर झील के बीचों-बीच स्थित जल महल भारत के सबसे सुंदर और अद्भुत वास्तुकला वाले शानदार जलीय स्मारकों में से एक है। मानसागर झील का एक किनारा पहाड़ों, मंदिरों और किलों से घिरा हुआ है तो दूसरा किनारा चहल-पहल वाले जयपुर शहर से।

जल महल राजस्थान राज्य के राजधानी जयपुर में स्थित शहर की भीड़-भाड़ से दूर एक शानदार और शांत जल में स्थित महल है। मानसागर झील के बीच में स्थित होने की वजह से जल महल को वाटर पैलेस भी कहा जाता है। अरावली पहाड़ियों के बीचोंबीच होने के कारण इस महल को ‘आई बॉल’ भी कहा जाता है। यह महल ‘रोमांटिक महल’ के नाम से भी जाना जाता था। भारत के अन्य जलीय महल की तरह जल महल किसी द्वीप पर नहीं बना है।

यह महल कभी महाराजाओं के लिए शूटिंग लॉज था, जो आज दुनिया भर के कई पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। जल महल राजस्थान में गल और राजपूत शैली की वास्तुकला के मेल से बने सबसे सुंदर वास्तुशिल्प महलों में से एक है। नाहरगढ़ पहाड़ियों के साथ मान सागर झील में बसा जल महल किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकता है। आपको बता दें कि इस किले के अंदर भले ही प्रवेश निषिद्ध है, लेकिन आपकी आंखों को खुश करने के लिए इसकी दूर से एक झलक ही काफी है। अगर आप जयपुर की सैर करने के लिए आ रहे हैं तो आपको जल महल देखने के लिए जरूर जाना चाहिए क्योंकि यह एक ऐसी जगह है जो आपके अशांत मन को भी शांत कर सकती है। यह एक ऐसा वाटर पैलेस है जो एक अच्छी सेल्फी के लिए सही जगह है।  चलिए आज हम आपको इस शानदार जलीय स्मारक के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी देतें हैं।

इतिहास

जयपुर-आमेर मार्ग पर मानसागर झील के मध्‍य स्थित इस महल का निर्माण सवाई जयसिंह ने अश्वमेध यज्ञ के बाद अपनी रानियों और पंडित के साथ स्‍नान के लिए करवाया था। इस महल के निर्माण से पहले जयसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति हेतु गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया। इसका निर्माण 1799 में हुआ था। इसके निर्माण के लिए राजपूत शैली से तैयार की गई नौकाओं की मदद ली गई थी। राजा इस महल को अपनी रानी के साथ ख़ास वक्‍त बिताने के लिए इस्‍तेमाल करते थे। वे इसका प्रयोग राजसी उत्सवों पर भी करते थे।

जलमहल की वास्तुकला

जलमहल राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसागर झील के मध्‍य स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक महल है। राजा  जयसिंह द्वारा निर्मित यह मध्‍यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्‍त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। इसकी उपरी मंजिल की चारों कोनों पर बुर्जो की छतरियाँ व बीच की बरादरिया, संगमरमर के स्‍तम्‍भों पर आधारित हैं। यह पूरी रचना लाल बलुई पत्थर से बनी है।

विशेषता

तपते रेगिस्तान के बीच बसे इस महल में गरमी नहीं लगती, क्‍योंकि इसके कई तल पानी के अंदर बनाए गए हैं। इस महल के पाँच में से चार मंज़िलें झील के पानी में जल मग्न हैं। सिर्फ 1 मँज़िल ही पानी के ऊपर नज़र आता है। इस महल से पहाड़ और झील का ख़ूबसूरत नज़ारा भी देखा जा सकता है। चांदनी रात में झील के पानी में इस महल का नजारा बेहद आकर्षक होता है। जलमहल अब पक्षी अभ्‍यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। जल महल के नर्सरी में 1 लाख से ज्‍यादा वृक्ष लगे हुए हैं। दिन रात 40 माली पेड़ पौधों की देखभाल में लगे रहते हैं। यह नर्सरी राजस्थान का सबसे उंचे पेड़ों वाला नर्सरी है। यहां अरावली प्‍लांट, ऑरनामेंटल प्‍लांट, शर्ब, हेज और क्रिपर की हजारों विभिन्नताएँ मौजूद हैं। यहाँ के 150 वर्ष पुराने पेड़ों को ट्रांसप्‍लांट कर नया जीवन दिया गया है। हर साल यहां डेट पाम, चाइना पाम और बुगनबेलिया जैसे शो प्‍लांट को ट्रांसप्‍लांट किया जाता है। यह थोड़े अचम्भे की बात है, पर महल के अंदर किसी भी कोने से पानी का रिसाव नहीं होता। महल का निर्माण काफी मज़बूत पत्थरों से और इसकी दीवारों को काफी मोटा बनाया गया है जिससे कि इसके अंदर पानी का रिसाव न हो। जल महल की खूबसूरती के अलावा पर्यटकों के लिए यहाँ आकर्षक का केंद्र है, प्रवासी पक्षियों का यहाँ आना।

ऊंट की सवारी का भी लें आनंद

जलमहल की पाल पर एडवेंचर सफारी के लिए बड़ी संख्या में ऊंट भी उपलब्ध रहते हैं। इन पर बैठकर घूमने से यहां के प्राकृतिक परिवेश का आनंद और भी बढ़ जाता है।

हरी-भरी घास और जयपुर शैली की स्थापत्य कला मन को सुकून प्रदान करती है। साथ ही, फोटोग्राफी के लिए भी ये बेहतर डेस्टिनेशन बन गया है।

फोटोग्राफरों के लिए जन्नत है जल महल


अगर आप फोटोग्राफी में थोड़ी बहुत भी दिलचस्पी रखते हैं तो जल महल आपके अंदर एक फोटोग्राफर को जगाने का शानदार मौका देता है। इस महल के आसपास के दृश्य इतने आकर्षक हैं कि यह आपको फोटोग्राफी करने पर मजबूर कर देंगे।

जल महल के शॉपिंग

महल के पास जयपुर शहर की कई उत्तम हस्तशिल्प और आभूषण वस्तुओं की दुकानें स्थित हैं जहाँ से आप कुछ आकर्षक चीजों को खरीद सकते हैं। यहां आपको कुछ खादी की दुकानें भी मिल सकती हैं। अगर आप जयपुर घूमने जाते है तो बता दें कि यहां आप ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर ऊंट की सवारी भी कर सकते हैं।

जल महल पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग

जल महल मान सागर झील के बीच स्थित एक ऐसी जगह है जो पक्षी-दर्शकों के लिए एक स्वर्ग के सामान है। यह जगह कई प्रवासी और स्थानीय पक्षियों के लिए एक घर है जिनमें पिंटेल, पोचर्ड, केस्टेल, राजहंस, महान क्रेस्टेड ग्रीब के नाम शामिल हैं लेकिन दुर्भाग्य जब से झील की गुणवत्ता में गिरावट आई तो पक्षियों की संख्या में भी काफी गिरावट आई। हालांकि जीर्णोद्धार कार्य के बाद अब मान सागर झील पर कुछ पक्षी देखें जा सकते हैं।

जल महल समय और प्रवेश शुल्क

सरकार द्वारा संरक्षित क्षेत्र घोषित करने के बाद जल महल में आम जनता का प्रवेश बंद कर दिया गया है। महल के चारों ओर नाव की सवारी को भी रोक दिया गया है। हालांकि यह जगह आज भी प्रकृति के बीच शांतिपूर्ण समय बिताने के लिए एक बहुत खास जगह है। यहां एक ऐसा मार्ग है जो मान सागर झील को घेरे हुए है और यहां से पर्यटक जल महल देख सकते जिसके लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता।

जल महल के पास रुकने की जगह

अगर आप जल महल को देखने के लिए जा रहे हैं तो इसके आसपास रुकने की कोई अच्छी जगह देख रहे हैं तो बता दें कि जयपुर आपके लिए काफी कुछ विकल्प है। यहाँ के प्रमुख होटलों में अलसीसर हवेली, होटल महादेव विला, होटल ब्लू हेवन और फोर्ट चनाद्रगुप्त के नाम शामिल हैं।

जल महल के पास खाना

जल महल जयपुर के पास स्थित देखने की सबसे आकर्षक जगहों में से एक है। इसके साथ ही यहाँ पर आप कई तरह के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद ले सकते हैं । यहाँ पर कई तरह के स्थानीय भोजन उपलब्ध है जिसको खा कर पर्यटक आनंदित हो जाते हैं। महाराजाओं और महारानियों द्वारा प्रभावित एक पारंपरिक राजस्थानी थाली में आप कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। यहाँ के दाल बाटी चूरमा, इमरती और घेवर जैसी मिठाइयों और प्रसिद्ध चाट जैसे भव्य व्यंजनों को खाए बिना जयपुर की यात्रा अधूरी है। यहां की मिठाइयाँ बहुत लोकप्रिय हैं जिसमें घेवर, इमरती, हलवा, चोइर्मा, गजक, मूंग थाल और बहुत कुछ शामिल हैं। हालांकि शानदार भोजन के बढ़िया भोजन के लिए कई विकल्प हैं लेकिन आप जहां के जोहरी बाज़ार की उत्तम और स्थानीय स्ट्रीट फूड का मजा भी ले सकते हैं।

जल महल जाने का सबसे अच्छा समय

राजस्थान एक रेगिस्तानी राज्य है और यहाँ बहुत तेज गर्मी पड़ती है। यहां गर्मी अप्रैल से जून तक पड़ती है और इस समय मौसम काफी गर्म होता है। जल महल जाने का सबसे अच्छा समय वसंत ऋतु या फिर सर्दियों के महीनों के दौरान यानी सितंबर से मार्च तक होगा क्योंकि यह समय जयपुर शहर में छुट्टियों का आनंद लेने और यहाँ के विभिन्न स्थलों को घूमने के लिए काफी अच्छा है। इन महीनों में दिन बेहद अनुकूल होते हैं लेकिन रातें 4 ° C से कम ठंडी होती हैं। अगर आप इस समय जयपुर जा रहे हैं तो अपने साथ ऊनी कपड़े ले जाना ना भूलें। मानसून का मौसम यहाँ जुलाई से सितंबर तक होता है लेकिन जयपुर में मध्यम से कम बारिश होती है।

जल महल तक कैसे पहुंचे

जल महल जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। जहाँ आप शहर से ऑटो और टैक्सियों की मदद से आसानी से पहुँच सकते हैं। जयपुर शहर रेलवे, वायुमार्ग और रोडवेज से भारत के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह कनेक्टेड है।

फ्लाइट से जल महल कैसे पहुंचे

अगर जल महल देखने के लिए जयपुर जा रहे हैं तो आपको बता दें कि हवाई जहाज द्वारा जयपुर की यात्रा करने के लिए अच्छा विकल्प है। सांगानेर हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों से नियमित रूप से चलने वाली कई एयरलाइनों से जुड़ा हुआ है। सांगानेर से जल महल की दूरी करीब 25 किलोमीटर है जिसके लिए किसी भी टैक्सी या कैब की मदद ले सकते हैं।

सड़क मार्ग से जल महल कैसे पहुंचे

जल महल के लिए आप सड़क मार्ग या बस से भी यात्रा कर सकते हैं क्योंकि राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम राजस्थान राज्य के भीतर जयपुर और प्रमुख शहरों के बीच कई लक्जरी और डीलक्स बसें चलाता है। आप जयपुर के लिए नई दिल्ली अहमदाबाद, उदयपुर, वडोदरा, कोटा और मुंबई जैसे शहरों से बस पकड़ सकते हैं।

ट्रेन से जल महल कैसे पहुंचे

अगर आप जल महल की यात्रा ट्रेन से करना चाहते हैं तो बता दें कि जयपुर रेलवे स्टेशन भारत के अन्य हिस्सों एक्सप्रेस ट्रेनों की मदद से जुड़ा हुआ है। जयपुर रेलवे स्टेशन से आप कैब या टैक्सी की मदद से जल महल तक पहुँच सकते हैं।

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