किन्नर अखाड़ा माघ मेले में बनाएगा हरिद्वार कुंभ के लिए कार्ययोजना

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यात्रा पार्टनर ब्यूरो, प्रयागराज। किन्नर अखाड़ा ने माघ मेला में अपना वैभव दिखाने का निर्णय लिया है। यहीं पर हरिद्वार कुंभ के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी।

दरअसल, किन्नर अखाड़ा से जुड़े संन्यासी इस बार माघ मेले में अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए कुछ ज्यादा ही सक्रिय नजर आएंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के कतिपय पदाधिकारियों द्वारा अपने अखाड़ा के वजूद पर सवाल उठाने से वह आहत हैं। उनका कहना है कि सनातन धर्म के प्रति उनका समर्पण किसी से कम नहीं। महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि कहती हैं कि हम उपेक्षा के बदले समाज को प्रेम ही देगे और उसकी भलाई के लिए काम करेंगे।

पहली जनवरी को संगमनगरी के मठ बाघंबरी में हुई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में किन्नर अखाड़ा को हरिद्वार कुंभ में अलग से जमीन व सुविधा नहीं दिए जाने की बात हुई थी। कहा गया था कि इस (किन्नर) अखाड़ा का अस्तित्व नहीं है। मामला तूल पकड़ता नजर आया तो परिषद के पदाधिकारी कहने लगे कि जूना अखाड़ा के अधीन किन्नर अखाड़ा के संन्यासी हरिद्वार महाकुंभ में धर्म कर्म कर सकते हैं।

बहरहाल, कुंभ से पहले ही किन्नर अखाड़ा ने माघ मेला में अपना वैभव दिखाने का निर्णय लिया है। इस रणनीति के तहत हर स्नान पर्व पर किन्नर संन्यासी संगम में डुबकी लगाएंगे। रेती पर धूनी रमाकर भजन, पूजन, प्रवचन करेंगे। प्रतिदिन गोदभरायी का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। खास मौकों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी मौनी अमावस्या पर संगम स्नान करेंगी। मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, वसंत पंचमी व माघी पूर्णिमा पर देश के विभिन्न हिस्सों से किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर व किन्नर संन्यासी संगम में डुबकी लगाने आएंगे।

हरिद्वार कुंभ की बनेगी रणनीति : किन्नर अखाड़ा हरिद्वार कुंभ में पूरे वैभव से शामिल होगा। पेशवाई, शाही स्नान और अखाड़ा के शिविर में होने वाले आयोजनों की रणनीति प्रयागराज में ही बनेगी। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी इसके लिए यहीं मंत्रणा करेंगी।

उपेक्षा के बदले देंगे प्रेम : किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि कहती हैं कि उपेक्षा से हमारा आत्मविश्वास नहीं डिगेगा। हम समाज की भलाई के लिए काम करते रहेंगे। किन्नर अखाड़ा का गठन ही इसीलिए हुआ है। सनातन धर्म से दूर हुए किन्नरों की ‘घर वापसी’ कराने के साथ उनका कृतित्व-व्यक्तित्व निखारा जा रहा है। यह बात अनर्गल बयान देने वाले लोग नहीं समझेंगे।

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