Tag: संजीव जिन्दल
-
खीरगंगा : एक अलौकिक-अद्भुत यात्रा
संजीव जिन्दल पांच अप्रैल 2023 की हल्की गर्म दोपहर में मैंने अपने छोटे भाई धीरज से पूछा, “तुम्हें तीन-चार दिन के लिए बिजनेस टूर पर कहीं बाहर तो नहीं जाना है?” जवाब में नहीं सुनते ही मैंने तुरन्त अपने मुंशी अभिषेक द्विवेदी को फोन किया, “देखो जरा, दिल्ली से कसोल की किसी बस में सात…
-
पर्यटक नहीं, बैकपैकर बनो और खूब घूमो
संजीव जिन्दल अक्सर लोग मुझसे कहते हैं, “बाबाजी आप बहुत घूमते हो, आपका बहुत खर्चा होता होगा, हम इतना अफोर्ड नहीं कर सकते, इसलिए हम आपकी तरह नहीं घूम सकते।” इसका जवाब है, ”दोस्तों, मैं कई बार बता चुका हूं कि मैं पर्यटक नहीं हूं, मैं एक बैकपैकर हूं…। खर्चा पर्यटक करते हैं, बैकपैकर बिना…