Tag: संजीव जिन्दल

  • थाईलैण्ड: मस्त गगन में उड़ती युवतियां

    थाईलैण्ड: मस्त गगन में उड़ती युवतियां

    संजीव जिन्दल पंछी बनूं उड़ती फिरूं मस्त गगन में आज मैं आजाद हूं दुनिया के चमन में… नरगिस पर फिल्माए गये इस गाने की तरह कुछ दिन ही सही जीने की तमन्ना हर लड़की की होती है। लेकिन, समाज की बंदिशों और “दुनिया क्या कहेगी” के संकोच के चलते ऐसे मस्त गगन में उड़ना बहुत…

  • खीरगंगा : एक अलौकिक-अद्भुत यात्रा

    खीरगंगा : एक अलौकिक-अद्भुत यात्रा

    संजीव जिन्दल पांच अप्रैल 2023 की हल्की गर्म दोपहर में मैंने अपने छोटे भाई धीरज से पूछा, “तुम्हें तीन-चार दिन के लिए बिजनेस टूर पर कहीं बाहर तो नहीं जाना है?” जवाब में नहीं सुनते ही मैंने तुरन्त अपने मुंशी अभिषेक द्विवेदी को फोन किया, “देखो जरा, दिल्ली से कसोल की किसी बस में सात…

  • पर्यटक नहीं, बैकपैकर बनो और खूब घूमो

    पर्यटक नहीं, बैकपैकर बनो और खूब घूमो

    संजीव जिन्दल अक्सर लोग मुझसे कहते हैं, “बाबाजी आप बहुत घूमते हो, आपका बहुत खर्चा होता होगा, हम इतना अफोर्ड नहीं कर सकते, इसलिए हम आपकी तरह नहीं घूम सकते।” इसका जवाब है, ”दोस्तों, मैं कई बार बता चुका हूं कि मैं पर्यटक नहीं हूं, मैं एक बैकपैकर हूं…। खर्चा पर्यटक करते हैं, बैकपैकर बिना…

  • पहाड़ों की गोद में होम स्टे

    पहाड़ों की गोद में होम स्टे

    अमित शर्मा “मीत” जलप्रपात की आवाज के साथ मैं नींद की आखिरी लहर में गोते मार ही रहा था कि अचानक ऊंचे स्वर में “गुड मॉर्निंग बरेली, गुड मॉर्निंग फ्रेंड्स” सुनकर मेरी नींद टूट गयी। देखता हूं कि बराबर में बैठे अपने बुढ़ाई साहब (संजीव जिन्दल “साइकिल बाबा”) बरेली वालों को सुबह-सुबह फेसबुक लाइव के…

  • दिवाली की वह रात पहाड़ों के साथ

    दिवाली की वह रात पहाड़ों के साथ

    अमित शर्मा “मीत” यह वह वक्त था जब दिन की चौखट पर शाम का हाथ थामे रात दस्तक दे रही थी। सुबह से एक लम्बा सफर तय करने के बाद झरने में घण्टों की मौज-मस्ती करके अब हम अपने टैंट में आ चुके थे पर थकान मानो हम लोगों से दूर कहीं नाराज और मायूस…