#Darjeeling: पहाड़ों की रानी

Darjeeling: Queen of Hills

#yatrapartnernetwork:हिमालय की शिवालिक पर्वतमाला पर दूर-दूर तक फैले जंगल, चाय बागान और उत्तर में बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियां। यह दार्जिलिंग (Darjeeling) है। हिमालय को और करीब से देखना है तो यहां की टाइगर हिल पर चढ़ जायें जहां से होते हैं दुनिया के तीसरे सबसे ऊंचे शिखर कंचनजंघा (Kanchenjungha) के भव्य दर्शन। यदि आप ज्यादा ही भाग्यशाली हैं और मौसम साफ हुआ तो दुनिया के सबसे ऊंचे हिम-शिखर सागरमाथा यानि एवरेस्ट के दर्शन भी हो सकते हैं। (Darjeeling: Queen of Hills}

Clouds flaunting on the mountains in Darjeeling

दार्जिलिंग (Darjeeling) शब्द की उत्त्पत्ति दो तिब्बती शब्दों दोर्जे (बज्र) और लिंग (स्थान) से हुई है। इसका अर्थ है “बज्र का स्थान”। भारत में ब्रिटिश राज के दौरान समशीतोष्ण जलवायु के कारण इस जगह को पर्वतीय स्थल के रूप में विकसित किया गया। अंग्रेज यहां गर्मी में मौसम में राहत पाने के लिए आते थे। चाय के शौकीन अंग्रेजों ने यहां के ढलानों पर चाय के बागान लगाये। आज दार्जिलिंग की चाय के दीवाने दुनिया के हर कोने में मिल जायेंगे।

समुद्र तल से करीब 2,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पश्चिम बंगाल का यह सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल कोलकाता से 490 किलोमीटर पड़ता है। “क्वीन ऑफ हिल्स” के नाम से प्रसिद्ध इस त्रिभुजाकर शहर का उत्तरी भाग नेपाल और सिक्किम से सटा हुआ है। अक्‍टूबर से मार्च तक यहां कड़ाके की सर्दी पड़ती है। अप्रैल से जून तक यहां का मौसम हल्‍का सर्द और अत्यंत सुहावना होता है। जुलाई से सितम्‍बर तक यहां बारिश का मौसम होता है।

कहां जायें, क्या करें

Sakya Monastery, Darjeeling

रॉक गार्डन, बतासिया लूप, नाइटेंगल पार्क, हिमालय पर्वतारोहण संस्‍थान, पद्मजा नायडू हिमालयन जैविक उद्यान, लियोर्डस वानस्‍पतिक उद्यान, नेचुरल हिस्‍ट्री म्‍यूजियम, टाइगर हिल, चाय बागान सक्या मठ, माकडोग मठ, जापानी मंदिर (पीस पैगोडा), घूम मठ (गेलुगस्), भूटिया ‍‍बस्‍ती मठ, मखाला मन्दिर, तेन्जिंग्स लेगेसी आदि। दर्जिलिंग की ट्वॉय ट्रेन (दर्जिलिंग हिमालयी रेल) विश्व प्रसिद्ध है। इसका उद्घाटन वर्ष 1879 में हुआ था। यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया है। यहां आने पर इसकी यात्रा करना न भूलें।

Darjeeling Himalayan Railway

खानपान

दार्जिंलिंग की यात्रा के दौरान परम्परागत नेपाली थाली का स्वाद लेना न भूलें। सेल रोटी, थुकपा, शाफले, सेकुवा, कवती, चुरपी, गुंद्रुक, चेज (एक तरह का अल्कोहल युक्त पेय), आलू दम आदि यहां के पारम्परिक व्यंजन हैं। यहां नगालैण्ड के व्यंजन भी आसानी से मिल जाते हैं।

 कहां ठहरें

स्टर्लिंग दार्जिलिंग, मेफेयर दार्जिलिंग, ओकडेना रिजॉर्ट, उदान निर्वाण रिजॉर्ट, सेण्ट्रल हेरिटेज रिजॉर्ट, सुमित स्विस हेरिजेट, लिटिल तिब्बत रिजार्ट, होटल विला एवरेस्ट, द रिट्रीट, होटल सोनार बांग्ला, होटल व्हाइट याक आदि।

ऐसे पहुंचें दार्जिलिंग

वायुमार्ग : निकटतम रेलवे स्टेशन बागडोगरा यहां से करीब 67 किलोमीटर दूर है जहां से सड़क मार्ग के जरिये ढाई घण्टे में दार्जिलिंग पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग : नजदीकी रेलवे स्टेशन न्यू जलपाइगुड़ी दार्जिलिंग से 70 किलोमीटर दूर है जहां से ढाई से तीन घण्टे में दार्जिलिंग पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग : दर्जिलिंग के लिए गंगटोक, कलिम्पोंग, सिलिगुड़ी, न्यू जलपाइगुड़ी, बागडोगरा आदि से बस और टैक्सी मिलती हैं।

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