कुंचिकल जलप्रपात : 183 मीटर नीचे गिरती जलधारा

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YatraPartner. सहयाद्रि पर्वत श्रृंखला में घने जंगलों के बीच उछलती-कूदती बहती वाराही नदीमस्थीकट्टे के पास निदगोडु गांव में एकाएक 183 मीटर की ऊंचाई से नीचे चट्टानों पर गिरती है। एक नदी का ऐसा पतन भारत के सबसे ऊंचे जलप्रपात की रचना करता है। कर्नाटक के शिवमोग्गा (शिमोगा) जिले में स्थित एशिया के इस दूसरे सबसे ऊंचे जलप्रपात का नाम है कुंचिकल। स्थानीय लोग इसे कुंचिकल अब्बे के नाम से भी जानते हैं।

दरअसल, जलप्रपात एक जलधारा है जो सतह पर बहती है और एक खड़ी ढलान पर गिरती है। दुनिया में करीब 150 बड़े जलप्रपात हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में सेंट लॉरेंस नदी पर नियाग्रा फॉल्स और दक्षिण अफ्रीका में जाम्बेजी नदी पर विक्टोरिया फॉल्स को दुनिया के सबसे खूबसूरत जलप्रपात माना जाता है। 

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कुंचिकल जलप्रपात का सदाबहार सौन्दर्य भी दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। सहयाद्रि की पहाड़ियों पर बहने वाली कई नदियां मानसून के दौरान जगह-जगह झरनों के रूप में आगे बढ़ते-बढ़ते निदगोडु के पास वाराही नदी में समा जाती हैं। इस कारण मानसूनी मौसम में कुंचिकल जलप्रपात में कई धाराएं एक साथ गिरती हैं और उनके चट्टानों से टकराने के साथ ही वातावरण में पानी की छोटी-छोटी बूंदें का वितान-सा तन जाता है। यह अद्भुत नज़ारा ही पर्यटकों को यहां तक खींच लाता है।

जलविद्युत उत्पादन के लिए शिमोगा जिले में वाराही नदी पर मणि बांध के निर्माण के बाद से कुंचिकल में पानी का बहाव धीमा हो गया है। केवल बरसात के मौसम (जुलाई-सितम्बर) के दौरान ही यह अपने पूरे यौवन में दिखाई देता है। यह जलप्रपात प्रतिबंधित क्षेत्र के भीतर है, इसलिए गेट पास या विशेष अनुमति लेकर ही यहां तक पहुंचा जा सकता है। यही कारण है कि देश का सबसे ऊंचा जलप्रपात होने के बावजूद यह सबसे कम पर्यटकों की आमद वाले प्रपातों में शामिल है। इसका सकारात्मक पक्ष यह है कि यह सुरम्य स्थान अनावश्यक मानवीय हस्तक्षेप से बचा हुआ है।

ऐसे पहुंचें कुंचिकल जलप्रपात

सड़क मार्ग : कुंचिकल जलप्रपात शिमोगा जिले में स्थित है जो बंगलुरु, मैसूर और मैंगलोर जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हुलिकल पहुंचने के बाद पर्यटक टैक्सी, कैब और निजी वाहनों से यहां तक पहुंच सकते हैं। बंगलुरु से यहां तक पहुंचने में लगभग 8 घंटे लगते हैं।

रेल मार्ग : उडुपी रेलवे स्टेशन उडुपी और शिमोगा जिलों की सीमा पर स्थित है। यह अगुम्बे से लगभग 67 किलोमीटर और शिमोगा से 97 किलोमीटर पड़ता है।

वायु मार्ग: मैंगलोर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट कुंचिकल जलप्रपात से करीब 142 किलोमीटर दूर है। बंगलुरु का केम्पेगौड़ा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां से करीब 404 किमी है। ऐसे में बेहतर यही होगा कि मैंगलोर के लिए उड़ान भरी जाये।

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