@yatrapartnernetwork:यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर के पास सबसे प्राचीन मन्दिरों में से एक है और भगवान बालाजी को समर्पित हैं जिन्हें वेंकटेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। इस मन्दिर का निर्माण कब हुआ इसके मूल तथ्य या दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। कुछ इतिहासकारों का कहना है कि इस मन्दिर का उल्लेख नवीं शताब्दी के इतिहास में मिलता है जब कांचीपुरम के पल्लव वंश शासकों ने इस स्थान पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था। 15वीं शताब्दी में इस मन्दिर को प्रसिद्धि मिलना आरम्भ हुई। इसके भवन पर चोल, पंड्या और पल्लव यानी तीन तरह की वास्तुकला की प्रभाव दिखता है जो इसे और भी खास बनाता है।
ऐसे पहुंचें
वायु मार्ग : निकटतम हवाईअड्डा तिरुपति एयरपोर्ट चित्तूर से करीब 84 किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग : चित्तूर (Chittoor) शहर रेल नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। नयी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन (दिल्ली), मुम्बई, हैदराबाद, तिरुवनन्तपुरम, यशवन्तपुर जंक्शन (बंगलुरु), बंगलुरु कैण्ट, भुवनेश्वर, तिरुपति, श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा आदि से यहां के लिए ट्रेन मिलती हैं।
सड़क मार्ग : चित्तूर (Chittoor) राष्ट्रीय राजमार्ग चार पर चेन्नई और बंगलुरु के बीच स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग 18 भी चित्तूर जिले से होकर गुजरता है। यह शहर बंगलुरु से 182 , चेन्नई से 158 और हैदराबाद से 584 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आन्ध्र प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से यहां के लिए बस सेवा है।